Friday, 24 April 2020

चांद के जैसे दीदार

चांद के जैसे अब उनके दीदार हो गए,
इस कदर वो हमसे निसार हो गए।
          लौट कर आए घर वापस तब तक,
                वो हमारे मेहमान हो गए।
हम कवारनटाइन क्या हुवे ,
उनके हाथ पीले हो गए।
                 चांद के जैसे अब उनके दीदार हो गए,
                 इस कदर वो हमसे रुखसार हो गए।
जो कभी एक पल नहीं रहा करते थे,
आज वो पूरे  बे ईमान हो गए।

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