मेहंदी हाथों में पिया तेरे नाम की,
रहे साथ तेरा मेरे जीवन की डोर से।
लो आज सजी फिर दुल्हन सी पिया तेरे नाम की,
है ख्वाईश यही प्रभु से मेरी हर साँस तेरे नाम की।
जब-जब सजू हर श्रृंगार पर हो नाम तेरा ही पिया,
तेरे लिए ही आज मैंने करवाचौथ है किया।
तेरे सिवा कोई और ना हो साथ मेरे पिया,
भरो मेरी माँग तब फिर से तुम एक बार पिया।
यही विनती है मेरी आज के इस पर्व पर,
जब भी मेरी हो आखरी साँस तेरे नाम की।
चलू हो के सवार तेरे ही कंधो पर पिया,
लो आज फिर करवाचौथ मैंने की पिया।
रहे साथ तेरा मेरे जीवन की डोर से।
लो आज सजी फिर दुल्हन सी पिया तेरे नाम की,
है ख्वाईश यही प्रभु से मेरी हर साँस तेरे नाम की।
जब-जब सजू हर श्रृंगार पर हो नाम तेरा ही पिया,
तेरे लिए ही आज मैंने करवाचौथ है किया।
तेरे सिवा कोई और ना हो साथ मेरे पिया,
भरो मेरी माँग तब फिर से तुम एक बार पिया।
यही विनती है मेरी आज के इस पर्व पर,
जब भी मेरी हो आखरी साँस तेरे नाम की।
चलू हो के सवार तेरे ही कंधो पर पिया,
लो आज फिर करवाचौथ मैंने की पिया।
Super
ReplyDeleteTxs
ReplyDeleteकरवा चौथ की बहुत बधाई..
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteTxs
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