आया नववर्ष मन में है हर्ष,
मुझे सुर संगीत सजाने दो,
जो बीत गया उसे जाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
मन में हैं उमंग तन में है तरंग,
हर ओर दिखा खुशियों का रंग,
नया इंद्रधनुष खिलाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
कुछ इच्छाये नहीं हुई पूर्ण,
कुछ कामनाओ का हुआ चूर्ण,
मुझे नव संकल्प सजाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
हो जाये जग में अमन चैन,
बीते काली अंधियारी रैन,
सुख का सूरज उग जाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
बारूद नहीं हथियार नहीं,
बरसे रिमझीम प्रेम यूँही,
मुझे नववर्ष मनाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
कवियत्री
हेमलता पुरोहित
मुझे सुर संगीत सजाने दो,
जो बीत गया उसे जाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
मन में हैं उमंग तन में है तरंग,
हर ओर दिखा खुशियों का रंग,
नया इंद्रधनुष खिलाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
कुछ इच्छाये नहीं हुई पूर्ण,
कुछ कामनाओ का हुआ चूर्ण,
मुझे नव संकल्प सजाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
हो जाये जग में अमन चैन,
बीते काली अंधियारी रैन,
सुख का सूरज उग जाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
बारूद नहीं हथियार नहीं,
बरसे रिमझीम प्रेम यूँही,
मुझे नववर्ष मनाने दो,
मुझे गीत ख़ुशी के गाने दो।।
कवियत्री
हेमलता पुरोहित
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