Saturday, 14 December 2019

प्यार का बंधन

रिश्ता आप से कुछ ऐसा जुड़ गया                                                आपसे हर बात अच्छे से  सिख गयी
कल तक जो पल में बिखर जाती
                 आज वो समेटना भी जानती
       वो भी क्या दिन थे जब रुठ के घर सर पर उठाती                       आज वो रूठो को मनाना सीख गई
            रिश्ते तो मिलते है मुकदर से
      बस उसे खूबसूरती से निभाना सिख गयी
रिश्ता आप से कुछ ऐसा जुड़ गया     
आपसे हर बात अच्छे से  सिख गयी 
आपकी वफ़ा मुझ पर उधार रहेगी
मेरी जिंदगी आप पर ही निसार रहेगी
दिया है आपने इतना प्यार मुझे
की मर के भी आपकी कर्जदार रहेगी
                     

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