अपने दुःख दर्द छिपाने का
बस बचा एक ही जरिया है
जब पूछे कोई कैसे हो
हम कह देते सब बढ़िया है
चेहरे पर मुस्कान लिए
वाणी में रहते रस घोल
स्वप्न सरीखा यह जीवन
जो सरक रहा होले होले
अश्रु किन्हें हम दिखलाये
किस से हम मन की बात कहें
बेतहर लगती पीड़ा अपनी
भीतर अपने चुपचाप सहे
कुछ पीड़ा सुन दुःखी हो जायेगे
कुछ पीड़ा सुन मुस्काएगे
कुछ नमक छिड़क कर जायेगे
कुछ पाप पुण्य का लगा गणित
पापों का फल बतलाएँगे
किस की जिव्हा हम पकड़ेंगे
किस किस के होंठ सिलायेंगे
ऐसा बोले तो क्यों बोले
किस किस से लड़ने जायेंगे
चुपचाप सुनेंगे तानो को
दिल अपना भी एक दरिया है
फिर पूछेगा जब हाल कोई
तो कह देगें 'सब बढ़िया है'|
बस बचा एक ही जरिया है
जब पूछे कोई कैसे हो
हम कह देते सब बढ़िया है
चेहरे पर मुस्कान लिए
वाणी में रहते रस घोल
स्वप्न सरीखा यह जीवन
जो सरक रहा होले होले
अश्रु किन्हें हम दिखलाये
किस से हम मन की बात कहें
बेतहर लगती पीड़ा अपनी
भीतर अपने चुपचाप सहे
कुछ पीड़ा सुन दुःखी हो जायेगे
कुछ पीड़ा सुन मुस्काएगे
कुछ नमक छिड़क कर जायेगे
कुछ पाप पुण्य का लगा गणित
पापों का फल बतलाएँगे
किस की जिव्हा हम पकड़ेंगे
किस किस के होंठ सिलायेंगे
ऐसा बोले तो क्यों बोले
किस किस से लड़ने जायेंगे
चुपचाप सुनेंगे तानो को
दिल अपना भी एक दरिया है
फिर पूछेगा जब हाल कोई
तो कह देगें 'सब बढ़िया है'|
No comments:
Post a Comment