Saturday, 21 December 2019

माँ को समर्पित

तू ही ब्रह्मा तूने सृजन किया,
तू ही विष्णु तूने भरण किया।
तू ही शिव का अवतार है माँ,
इस जग में तू दातार है माँ।।
                जब से तूने  पाया है मुझको,
                 अपना जीवन बिसराया है माँ।
                 क्या सुख क्या दुःख ये भूल गई,
                  मुझमें ही सब कुछ पाया माँ।।
देवी सरस्वती बनकर के माँ,
अक्षर का ज्ञान कराया माँ।
प्रथम गुरु बनकर के मुझको,
जीवन का पाठ पढ़ाया माँ।।
                    तेरी परछाई कहलाती,
                     तेरे बल पर में इठलाती।
                      तेरी ममता का फूल हु माँ,
                       तेरे चरणो की धूल हु माँ।।
कुछ दे ना सकी इस जीवन में,
सब कुछ तुजसे ही पाया माँ।
तू प्रभुता हैं मै लघुता हु,
बस अपना शीश नवाया माँ।।
     कवियत्री- 
       हेमलता पुरोहित


                   



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