Friday, 29 December 2017

राहे

"मेरी राहे सफलता की आसान ना थी 
हर राहो में सिवा मुश्किल के कुछ नही था|
देखा जो सपना वो सच तो हुआ 
लेकिन वो एक कहानी के कुछ नही था  |
जो उम्मीद थी खवाबो से वो सच ना हुई 
मंजर मुस्किलो का बढ़ता गया
 सोचा हुवा सपना मेरा खाली सा हुवा |
देखा जीवन के पल कुछ  खो से  गए 
जो खो गए वो वापस ना मिले 
तकदीर से मिला जो काफी नही था" |


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