Sunday, 31 December 2017

यादे

"😢जब कभी याद मायके की आती हैं
तो आँखे नम सी हो जाती है|
वो बीते पल यू आँखों के सामने आते है
जैसे पुरानी किताबों के पन्ने खुल जाते है|
हर गली में बस अपना ही रुतबा
वो बाहर निकल कर भगना
वो मम्मी  का बार बार बुलाना
और चुपके से सबसे बदल जाना
हर रिश्ते में एक अलग सी मिठास थी |
वो पापा का रोज कुछ नया लाना
ओर आपस मे जगड़ कर खाना
वो मिलकर पड़ोसी को चिढ़ाना
ओर गणगोर में खूब नाचना |
वो मामा से चॉकलेट खाना
ओर मौसी की बराबरी करना
नानी के बिना नींद ना आना
ओर नाना से रोज आइसक्रीम खाना
ये पल कुछ खो से गये है काश
ये पल लोट के आ जाये तो
 जिंदगी जन्नत हो जाये|"




"बेटी का रिश्ता सिर्फ पहले ही होता हैं
विदाई के बाद उसका कुछ नही रहता है |
जो मुश्किल माँ बाप ने देखी उसकी
सबको भूला के बस ससुराल होता है |
ये रीत किसने बनाई होगी
जिसकी भी होगी शायद उसके बेटी ना होगी|
जो दर्द माँ बाप देखते है
उनसे रिश्ते पल में टूटते है
वो सब अपने होते है जिनसे
कुछ पल पहले ही  मिलते है
हा सच है ये भी की वो अपने है|
पर जो पीछे छूट गये वो कब पराये है
ये बात समाज समझता नही
जो समझते है वो भी मानते नही
जन्म दिया जिसने कैसे तकलीफ में छोड़ दे
जिनके आँचल में बड़े हुए उन्हें मझदार में छोड़ दे|"

Saturday, 30 December 2017

जाने क्या सोचती रहती हूं आजकल
एक उदेर्ड बुंन्न मे लगी रहती हूं आजकल
सफऱ को रफ्तार देने की सोचती हूं फिर 
कोई और सोच में डूब जाती हु आजकल
बिन परिदों के पर लगे है सोच में 
जाने क्या सोचती रहती हूं आजकल 
हकीकत को खवाबो से जोड़ती हु आजकल 
कुछ नया करने की सोचती हूं आजकल 
पर बेड़िया पैरो में लगी 

Friday, 29 December 2017

राहे

"मेरी राहे सफलता की आसान ना थी 
हर राहो में सिवा मुश्किल के कुछ नही था|
देखा जो सपना वो सच तो हुआ 
लेकिन वो एक कहानी के कुछ नही था  |
जो उम्मीद थी खवाबो से वो सच ना हुई 
मंजर मुस्किलो का बढ़ता गया
 सोचा हुवा सपना मेरा खाली सा हुवा |
देखा जीवन के पल कुछ  खो से  गए 
जो खो गए वो वापस ना मिले 
तकदीर से मिला जो काफी नही था" |


Thursday, 28 December 2017

हमसफ़र

"मेरा मुकदर इस तरह से बदल गया
वो क्या मिले मुझे मेरा नसीब बदल गया |
ना सोचा कभी आरजू यू पूरी होगी 
जो दुआओ में माँगा वो ही हकीकत होगी"|

"आरजू ये नही की हर खवाईशे पूरी हो 
दुआ ये नही की हर ख़ुशी मेरी जोली में हो 
बस तमना इतनी सी है ख़ुदा से 
जब आँखे बंद हो तो साथ हमसफर हो|

Wednesday, 27 December 2017

जीवन का सच

काफ़िला जीवन का इस तरह शुरू हुआ
मंजिल मिल के भी मिल ना सकी
हम शुरू जहां से हुवे वही फिर मिले
सोचते रहे कि जीवन कि मुश्किल अब
हल हो पर राहे मुसीबत कम ना हुई,,

देखो जमाना इस तरह बदल गया
सहदे में जुकता था सर जिसके
आज उसी माँ को आँखे दिखाने लगा
लोग जिस की पूजा करते थे उसकी
अब रहने तक  की जगह तक ना रही
दर दर गुम रही वो हर चीज को मोहताज हैं

Sunday, 24 December 2017

आपकी याद

"💐आपकी हर एक हरकत दिल मे गर कर जाती है
जब भी आँखे बंद होती है तो खुलने पर बस
आपके दीदार को चाहती है ये बात कुछ और है
की हम हाल दिल का बताना पाए पर ये
सिर्फ आपके इंतजार में खामोश रहती है,,🎊

😢मेरी खामोशी को यु मेरी आदत ना समजो
वो तन्हाईयो में अक्सर आपसे बाते करती है
आप सिर्फ एक बार मुस्कुरा के देखो
ये खामोशी गुनगुना ने लगेगी,,💝💝

,,😢 बहुत
बहुत कुछ बाकी है अभी तो जिंदगी में
पर इम्तियान से मानो थक से गये है
हौसले थामे हुए है उम्मीद के सहारे
सहारे सहारे ही जिंदगी है कटती
काटनी नही है जिंदगी है जीना
ये सोच के हौसले फिर बुलंद होजाते........
"सफ़र जिंदगी का आसान ना था
मुश्किल हर कदम पर हमसफऱ थी
लगता था राहे काटो भरी है पर
हमसफर ने सफऱ को आसान कर दिया💐

Saturday, 23 December 2017

"जिंदगी एक लंबी रात सी लग रही 
हर दिन उनके बिना एक इम्तिहान सा लग रहा
राहे सफ़र की आसान ना थी पर उनके साथ 
होने के एहसास ने जिंदगी खुशनुमा कर दी"

बेटी दिवस की शुभकामनाएं

 नही पढी लिखी थी मां मेरी ना उसने कभी ये बधाई दी बेटी होने पर मेरे भी ना उसने जग मे मिठाई दी हो सकता समय पुराना था मोबाइल ना उसके हाथो मे था...