नही पढी लिखी थी मां मेरी
ना उसने कभी ये बधाई दी
बेटी होने पर मेरे भी
ना उसने जग मे मिठाई दी
हो सकता समय पुराना था
मोबाइल ना उसके हाथो मे था
अपडेट ना शायद वो भी थी
तभी बधाई मुझको ना दी
ना गले लगाकर मुझको उसने
कोई प्यारी मीठी मीठी बाते की
जग की रीति को सिखाने मे
अंतर्मन को बेहत निष्ठुर किया
बेटी को जाना पराए घर मे
हर माहौल मे ढलने को तैयार किया
देती रही सलाह जीवन की
हर हाल मे जीना उसने सिखाया
नित नये नये संघर्षो से लडना सिखाया
शायद ये ही शुभकामनाये थी
बेटी दिवस की शुभकामनाये थी
स्टेटस ना कभी उसने लगाया
बधाई ना कभी उसने दी थी
मां को फिर भी हम प्यारे थे
पूजा मे उसकी सलामती हमारी थी
शायद ये ही बधाईया थी
पर काश मां हमारी भी पढी होती
अपडेट वो भी सबसे होती
तो शायद बीच हमारे होती
बेटी वो भी तो किसी की थी
हर उस बेटी को बधाई हो
जिसने सबकुछ ये मिस है किया
मां ने ना कभी ये जताया हो
पर प्यार भी उसने कम ना किया
हर माँ को भी बेटी दिवस मुबारक हो
बेटी को उसने जन्म जो दिया
HAPPY BETI दिवस