रिश्तों की परवाज़ यूं उड़ी,
जाकर सीधी हमसफर से जुड़ी।
पहले पहले बहुत हिचकिचाहट हुई,
जब तक जान पहचान ना हुई।
धीरे धीरे सफर की शुरुआत हुई,
तब जाकर पंतग दिल के आसमान तक गई।
अब हौले हौले वो दिल में हिलौरें लेती हुई,
कुछ सांसों की डोर से भी बंधती गई।
हमसफर के आगे सब फिका लगने लगा,
तब रिश्ता मजबूत लगने लगा।
पिया के आने की जब राह देखती,
तब तो नजरें भी सवाल करती।
कभी जो उड़ता परिंदा थी,
आज वो किसी के नाम हो गई।
जाकर सीधी हमसफर से जुड़ी।
पहले पहले बहुत हिचकिचाहट हुई,
जब तक जान पहचान ना हुई।
धीरे धीरे सफर की शुरुआत हुई,
तब जाकर पंतग दिल के आसमान तक गई।
अब हौले हौले वो दिल में हिलौरें लेती हुई,
कुछ सांसों की डोर से भी बंधती गई।
हमसफर के आगे सब फिका लगने लगा,
तब रिश्ता मजबूत लगने लगा।
पिया के आने की जब राह देखती,
तब तो नजरें भी सवाल करती।
कभी जो उड़ता परिंदा थी,
आज वो किसी के नाम हो गई।
Very nice ND realy
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