Saturday, 2 May 2020

दोस्ती

हर रिश्ते सी पवित्र हैं दोस्ती,
         सागर से भी गहरी हैं दोस्ती।
मां की ममता सी छांव है दोस्ती,
         भाई बहनों के प्यार सी  है दोस्ती।
‌‌कुछ उलझे रिश्तों की सुलझन हैं दोस्ती,
          फंसे मंजर से बाहर निकालती हैं दोस्ती।
कई पुण्यो मिलती है दोस्ती,
            खुदा की रहमत होती हैं दोस्ती।
चंद फासलों से भूली नहीं जाती हैं दोस्ती।
               मुस्कुराहट देने वाली जादू है दोस्ती,
कृष्ण सुदामा सी प्यारी होती हैं दोस्ती।
                    गिले शिकवे मिटाती है दोस्ती,
कहीं नजर ना लगे जाए मेंरे दोस्त को,
                       इसलिए मैं ना बताती हूं दोस्ती।
सबसे छुपाती हूं मैं अपनी दोस्ती,
                दुनिया में कयामत तक सलामत रहें दोस्ती।
             

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