Thursday, 14 January 2021

पापा

 पापा प्यारा शब्द बना है

             अनंत गहराई लिए हुए हैं       

इसका मोल तो दिल ही जानता है,

           और जो ना जाने वह दिल ना लिए है|

गमों को सीने में दबाए रहते हैं,

        हर वक्त चेहरे पर मुस्कान लिए रहते हैं |

मुश्किल में भी डटे रहते हैं,

                    बच्चों के   लिए खड़े रहते हैं

हर शाम जब घर  लौटते 

              थैला सामान का भरा लौटते

छोटे या बड़े हो सब निहारते 

                कभी ना खाली हाथ होते

पैसे  चाहे जितने होते

              पर खुशियों से  कम ना होते

हर दिन कुछ नया करते

             बड़े स्नेह से मां संग रहते

और जब वह वृद्ध होते

                   तो मुश्किल सफर होता

जिन पर सब वह न्योछावरते

                   क्या  उम्मीद पर खड़े होते

काश पापा कभी वृद्ध ना होते

                  और हम कभी बड़े ना होते  

तो जीवन कितना प्यारा होता |

Tuesday, 5 January 2021

  मां सी होती है मौसी

ममता की मूरत जैसी 

परछाई भी बिल्कुल वैसी

शीतल छाया मां के जैसी

हमसे लाड लड़ाती इतना 

आंचल  में छुपाती उतना

 नजर कहीं लग जाए ना

 पल-पल बलाई लेती उतना

 ठेस कहीं लग जाए हमको

मन को यह भाता ना उसको 

 व्याकुल सी हो जाती वह भी

और ज्यादा ज्यादा प्यार लुटाती

जल्दी जल्दी ठीक हो जाए

 ईश्वर से वह प्रार्थना करती

कदम छू ले ऊंचाइयों के हम

वह नित नित ये प्रार्थना करती


Monday, 4 January 2021

मिस यू,लवयू से उठकर देखा

 मिस यू

लवयू 

से उठकर देखा तो 

तो मां याद आई मुझे

जो पापा के काम पर

जाने के बाद उनके आने तक

कभी उसने मिस यू न कहां

पर अगर चुड़ी चटकी और

आंख फड़की तो फिर भगवान

से भी लड़ जाती  जब तक  पापा

न आए तो मजाल है भगवान भी

चले जाएं बहुत जिद्दी होती है माएं

पापा को कभी मिस नहीं करती बस

याद करती है दुआ करती है कि सही

सलामत घर आ जाएं कोई मन्नत

मांग लेती है पर मिस नहीं करती

न कभी मिस यू न कहती तो लव यू

क्या कहेगी दिन दिन भर भूखी रहती

हर हाल में उसके साथ खड़ी रहती

बस चेहरा देख समझ जाती हर

तकलीफ़ नाप लेती लडती उसी से

फिर उसके ही सिने से लग रो पड़ती

पर आई लव यू नहीं कहती 

मां  पापा का प्रेम ऐसा है कि

बिन  कुछ कहे सब समझ जाते हैं

मौन भाषा में भी हर बात साझा

हो जाती है पर मां पापा की बात

कभी भी मिस यू और लव यू

पे खत्म नहीं होती बस सांसों

और धड़कनों पर चलती है

हिन्दुस्तान में हर जिंदगी

बस इसी तरह हंसती है ।


बेटी दिवस की शुभकामनाएं

 नही पढी लिखी थी मां मेरी ना उसने कभी ये बधाई दी बेटी होने पर मेरे भी ना उसने जग मे मिठाई दी हो सकता समय पुराना था मोबाइल ना उसके हाथो मे था...