होली आई होली आई रंग बिरंगा मौसम लाई,
लाल,गुलाबी नीला पीला सबसे प्यारा है कैसुला।
पूजा तू पिचकारी लाना ,फिर सबको तू खूब नहलाना,
हर्ष भागेगा इधर उधर,तनु भी जायेगी डर।
कार्तिक रंगों से खेलेगा,दक्ष गुबारे फेंकेगा,
तनु का भी देखो कमाल ,मुस्कान पर फेंकेगी गुलाल।
मुस्कान हो गई नीली पीली ,तनु पर हुई लाल पीली,
दोनों दौड़ी गिरी धड़ाम ,मुँह से निकला हाय राम।
केशव ने उड़ाई गुलाल,माधव की भी बदली चाल,
दोनों ने मिल कविता गाई,होली आई होली आई ।
होली के हैं रंग प्यारे,मिलकर खेले देखो सारे,
बैर भाव भूला कर सारे,मिले हम सब भाई चारे से।
कवियत्री
हेमलता पुरोहित
लाल,गुलाबी नीला पीला सबसे प्यारा है कैसुला।
पूजा तू पिचकारी लाना ,फिर सबको तू खूब नहलाना,
हर्ष भागेगा इधर उधर,तनु भी जायेगी डर।
कार्तिक रंगों से खेलेगा,दक्ष गुबारे फेंकेगा,
तनु का भी देखो कमाल ,मुस्कान पर फेंकेगी गुलाल।
मुस्कान हो गई नीली पीली ,तनु पर हुई लाल पीली,
दोनों दौड़ी गिरी धड़ाम ,मुँह से निकला हाय राम।
केशव ने उड़ाई गुलाल,माधव की भी बदली चाल,
दोनों ने मिल कविता गाई,होली आई होली आई ।
होली के हैं रंग प्यारे,मिलकर खेले देखो सारे,
बैर भाव भूला कर सारे,मिले हम सब भाई चारे से।
कवियत्री
हेमलता पुरोहित
Bahot khub
ReplyDeleteTxs
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