Tuesday, 31 March 2020

भारत का झण्डा लहराना है

पावन है मातृभूमी मेरी,
पावन हैं कण- कण इसका,
सदियों से भारत का झण्डा लहराया है।  
इसलिये घर में हमको रहना है।                                                         जो फैली हवा में कोरोना गंदगी,
                  नामों निशा  मिटाये इसका,
                   अपने घरों में ही रुक कर दूर भगाते है।
झुकें ना देगें शीश माँ भारती,
तुझसे प्रण ये हम सबका,
सब तेरे चरणों मे शीश झुकाते है।
हम अपने घरों से बाहर नही निकलते है।                                         स्वतंत्रता के खातिर वीरो ने जान दी,
                     आज हमें अपनी जान बचाना है।
                      बार बार हाथ सेनेटाइजर से धोना है।
पावन है मातृभूमी मेरी,
पावन हैं कण- कण इसका,
विशव में भारत का झण्डा लहराना है।
                       🙏घर में रहोगें तो स्वस्थ रहोगे।
                         बाहर जाओगे तो अपने साथ 
                        परिवार देश को भी डूबाओगे।🙏

Monday, 9 March 2020

होली

होली आई होली आई रंग बिरंगा मौसम लाई,

लाल,गुलाबी नीला पीला सबसे प्यारा है कैसुला।

पूजा तू पिचकारी लाना ,फिर सबको तू खूब नहलाना,
हर्ष भागेगा इधर उधर,तनु भी जायेगी डर।

कार्तिक रंगों से खेलेगा,दक्ष गुबारे फेंकेगा,
तनु का भी देखो कमाल ,मुस्कान पर फेंकेगी गुलाल।

मुस्कान हो गई नीली पीली ,तनु पर हुई लाल पीली,
दोनों दौड़ी गिरी धड़ाम ,मुँह से निकला हाय राम।

केशव ने उड़ाई गुलाल,माधव की भी बदली चाल,
दोनों ने मिल कविता गाई,होली आई होली आई ।

होली के हैं रंग प्यारे,मिलकर खेले देखो सारे,
बैर भाव भूला कर सारे,मिले हम सब भाई चारे से।

                         कवियत्री
                             हेमलता पुरोहित

Saturday, 7 March 2020

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामना

क्यों कहती है ये दुनिया,
         की नारी कमज़ोर है।
अरे आज तो उनके हाथों,
         गगन तक कि डोर है।
रोज नई क़ामयाबी पर,
           अब अपना नाम लिखती है।
 चूड़ी हो हाथो को सोचा,
              वो हथियार उठाती है।
अपनी अस्मत के ख़ातिर वो,
              वो युद्ध तक लड़ने जाती है।
लेकर क़लम हाथों में,
               नया इतिहास बनाती है।
नारी ना कमज़ोर रहीं अब,
                अपना परचम फैलाती है।
पैरों की जूती जो समझे ,
                 भूल वो भारी करते है।
जिसने उनको जन्म दिया,
                   वो भी तो एक नारी है।
कमज़ोर ना समझो नारी को,
                    वो दुर्गा, झाँसी रानी है।

बेटी दिवस की शुभकामनाएं

 नही पढी लिखी थी मां मेरी ना उसने कभी ये बधाई दी बेटी होने पर मेरे भी ना उसने जग मे मिठाई दी हो सकता समय पुराना था मोबाइल ना उसके हाथो मे था...