मुझको लगता इस दुनिया में, एक अचम्बा ऐसा हैं।
रिश्ते-नाते सभी झूठ हैं, सच्चा केवल पैसा है।।
पैसे के दम पर इठलाये,हर कोई नर और नारी।
संभल के भैया बात करो,तुम पैसा सब पर भारी।।
भारी भरकम पैसे वाला,दिखता सबसे अलग है।
उसके नखरे चलते-फिरते ,देखे जग में लोग है।।
जग में केवल चलता हैं, उनके नाम का सिक्का।
जिसके पत्तों में होता हैं, चिड़ी पान का इक्का।।
इक्के से फिर याद आ गया,खेल हमे भी अपना।
मालामाल होने के लिए,चलो सोकर देखे सपना।।
सपने में भैया तुम तो ,बस राम-राम ही जपना।
समझो तुम तो अब, पराया माल भी अपना।।
अपना- पराया छोड़ दे बंदे,छोड़ दे तेरा- मेरा।
रिश्तों से नाता जोड़,पैसा मेल हैं हाथ का तेरा।।
तेरा पैसा एक दिन तुझको इस रंग दिखायेगा।
माल खायेगे वो सब ओर,तू सुखी रोटी नहीं खाएगा।।
कवयित्री
हेमलता पुरोहित
रिश्ते-नाते सभी झूठ हैं, सच्चा केवल पैसा है।।
पैसे के दम पर इठलाये,हर कोई नर और नारी।
संभल के भैया बात करो,तुम पैसा सब पर भारी।।
भारी भरकम पैसे वाला,दिखता सबसे अलग है।
उसके नखरे चलते-फिरते ,देखे जग में लोग है।।
जग में केवल चलता हैं, उनके नाम का सिक्का।
जिसके पत्तों में होता हैं, चिड़ी पान का इक्का।।
इक्के से फिर याद आ गया,खेल हमे भी अपना।
मालामाल होने के लिए,चलो सोकर देखे सपना।।
सपने में भैया तुम तो ,बस राम-राम ही जपना।
समझो तुम तो अब, पराया माल भी अपना।।
अपना- पराया छोड़ दे बंदे,छोड़ दे तेरा- मेरा।
रिश्तों से नाता जोड़,पैसा मेल हैं हाथ का तेरा।।
तेरा पैसा एक दिन तुझको इस रंग दिखायेगा।
माल खायेगे वो सब ओर,तू सुखी रोटी नहीं खाएगा।।
कवयित्री
हेमलता पुरोहित
अनुभव होते कैसे-कैसे
ReplyDeleteजीवन चलता जैसे-तैसे,
सारे उल्लू चुगते पैसे
यदि पेड़ों पर उगते पैसे !
जो होता अमीर ही होता
फिर ग़रीब क्यों पत्थर ढोता,
क्यों कोई क़िस्मत को रोता
जीवन नींद चैन की सोता,
हर कोई पैसा ही बोता
स्वप्न न आते ऐसे-वैसे।
पैसों की हरियाली होती
गाल-गाल पर लाली होती,
बात-बात में ताली होती
कोई जेब न ख़ाली होती,
रात न बिलकुल काली होती,
तब हर दिन दीवाली होती।
पैसा ताज़ी हवा नहीं है
सब रोगों की दवा नहीं है,
सचमुच नया रोग है पैसा
छल-बल का प्रयोग है पैसा,
हम इसको अपनाते कैसे,
यदि पेड़ों पर उगते पैसे।
पैसे से इनसान बड़ा है
उसका हर ईमान बड़ा है,
हरियाली का पूजन करता
सृजन सदा ही नूतन करता,
प्रकृति परम विकृत हो जाती
यदि पैसों के पेड़ उगाती,
सब मानव बन जाते भैंसे,
काँटे बनकर चुभते पैसे,
यदि पेड़ों पर उगते पैसे।
Nice
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