Sunday, 10 November 2019

आशियाना

तिनका तिनका लाकर गोसला बनाती है वो
हर मुश्किल से दिन रात जूझती है वो
राहे जिंदगी की आसान नही होती उसकी भी
फिर भी कदम कदम पर लोगो को चुभती है वो
कभी अपने असितत्व के लिए लड़ती है वो
कभी जिंदगी को चलाने के लिए जूझती है वो
किस तरह बनाये अपना आशियाना
जिंदगी की डगर में हर पल ये सोचती है वो
सफर आसा जिंदगी का किसी का नही होता
हरपल दिल को समझाती हुई फिर अपने आसियान
को संवारने के लिए निकलती है वो

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