Thursday, 18 April 2019

अनजान रास्तो पर चलती ये छोटी सी परी ना जाने जमाने के कितने दस्तूर ओर रिश्तो ओर उनके रूपो में जीना है इसे पर सबको खुश रखना और रिश्तों को अच्छे से निभाना ये ही इसकी दुनिया है छोटी सी परी देखते देखते बड़ी हो गयी और अचानक एक दिन उसकी शादी हो गयी परी ने वहां भी अपने दिल को प्यार से समझाया और हर रिश्ते को दिल से निभाया लेकिन अचानक एक दिन बड़ी जिम्मेदारी परी के पास आई छोटी परी जल्दी से बडी हो गईं परी के ससुराल में थी एक जेठानी ओर प्यारा सा राजकुमार उनके घर आया तभी अचानक परी की सास भी बाहर गयी कुछ दिनों के लिए अब परी को ही सब कुछ था देखना बताओ ?
आप लोग राजकुमार है ऑपरेशन से है आया तो क्या डॉक्टर थी परी ?
परी ने सब कुछ जो करना था एक माँ को एक बड़ी बहन को वो सब अकेले किया
फिर भी परी को आखिर में कोई प्यार ना मिला
डॉक्टर ने ऑपरेशन के टाके लगाए अगर निशान रह गए तो उसमें परी क्या करे और अब ना माने कोई परी के फर्ज का मोल उल्टा सुनाये उसे दो बोल
तो क्यो ना जब ससुराल में हुवा ऐसा कुछ ऐसा तो ले क्यो ना गए कोई परी से दूर बाते करना और काम करना
दोनों अलग अलग बाते होती है जो इन बातों में नही समझती थी उसने सारे काम किये भरी धूप में कही बार राजकुमार को हॉस्पिटल ले गयी और तो ओर कही ऐसे काम है जो कोई नही करता वो भी किये फिर भी सुनती उल्टे बोल
अगर आप किसी के लिए बुरा सोचते ओर बोलते हो तो वो पहले अपने लिए ही होता है जैसे कुवा दुसरो के लिए खोदते है और उसमें गिरना अपने को ही पड़ता है
ये बात हम गीता में भी देखते है कि कौरव पांडवों का बुरा चाहते थे और अंत मे विनाश उनका ही हुवा

No comments:

Post a Comment

बेटी दिवस की शुभकामनाएं

 नही पढी लिखी थी मां मेरी ना उसने कभी ये बधाई दी बेटी होने पर मेरे भी ना उसने जग मे मिठाई दी हो सकता समय पुराना था मोबाइल ना उसके हाथो मे था...