Saturday, 16 March 2019
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बेटी दिवस की शुभकामनाएं
नही पढी लिखी थी मां मेरी ना उसने कभी ये बधाई दी बेटी होने पर मेरे भी ना उसने जग मे मिठाई दी हो सकता समय पुराना था मोबाइल ना उसके हाथो मे था...

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नही पढी लिखी थी मां मेरी ना उसने कभी ये बधाई दी बेटी होने पर मेरे भी ना उसने जग मे मिठाई दी हो सकता समय पुराना था मोबाइल ना उसके हाथो मे था...
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मेहंदी हाथों में पिया तेरे नाम की, रहे साथ तेरा मेरे जीवन की डोर से। लो आज सजी फिर दुल्हन सी पिया तेरे नाम की, है ख्वाईश यही प्रभु ...
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लाईफ इज नो श्योर, पर आइ एम कम्पलिट श्योर। ये वक्त ना रहा तो मिलेंगे दौबारा, हाथ मिलाए ना मिलाए फेस दिखाएंगे दौबारा। ...
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ReplyDeleteTxs,
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ReplyDeleteTxs
Delete"नियत और नज़रिया" ही एक इंसान को उसकी मंज़िल तक पहुंचता है,
ReplyDelete"नियत" साफ हो तो मुश्किलों के आने के बाद भी काम बन जाता है,
और "नज़रिया" किसी भी काम को आसान बनाता है...
Nice
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