Saturday, 30 March 2019
गणगोर वीडियो
Saturday, 23 March 2019
जीवन सगनी
अभी कुछ समय पहले में एक शादी में गयी वहाँ एक अलग ही बात हुई मुझे लगा उस समय जो उस दूल्हे ने किया वो एक बहुत ही अजीब पर बहुत दिल को छूने वाली बात कर दी अचानक दूल्हा वर माला के बाद दुल्हन के पैर छूने लगा तब सभी वहां अचंबित हो गए और जोर जोर से हँसने लगे दुल्हन खुद उसे उठाने लगी तभी दूल्हे ने कहा कि मै जो कर रहा हु बिल्कुल सही कर रहा हु आज से ये मेरी पत्नी ही नही मेरे परिवार की नींव है इसके व्यहार से ही मेरी समाज मे पहचान बनेगीइसके हाथो ही मेरे माँ बाप को सम्मान मिलेगा मेरी आने वाली पीढ़ी इसके खून पसीने से सींचि जाएगी मेरा पूरा जीवन अब इसके ही साथ जुड़ गया इसलिए मुझे इसकी इज्जत करनी चाहिए ना कि इसे मेरी
ये बात सुन कर वहां उपस्थित सभी लोगो ने जोर दार तालिया बजाई ओर इस तरह एक नई सोच का जन्म हुआ
ये सही भी है कि तरह समाज में हर मर्द को मानना चाहिये कि पत्नि से ही उसकी पहचान और समाज में बढ़ती उसकी शान 👫 क्योकि दोनों एक दुसरे के पूरक है एक दूसरे के साथी है दोनों के साथ ओर एक दूसरे का सम्मान करने से समाज देश और परिवार की ख़ुशी ओर उन्नति होती है🙏🙏🙏
नई सोच दूल्हे की
ये बात सुन कर वहां उपस्थित सभी लोगो ने जोर दार तालिया बजाई ओर इस तरह एक नई सोच का जन्म हुआ
ये सही भी है कि तरह समाज में हर मर्द को मानना चाहिये कि पत्नि से ही उसकी पहचान और समाज में बढ़ती उसकी शान 👫 क्योकि दोनों एक दुसरे के पूरक है एक दूसरे के साथी है दोनों के साथ ओर एक दूसरे का सम्मान करने से समाज देश और परिवार की ख़ुशी ओर उन्नति होती है🙏🙏🙏
नई सोच दूल्हे की
Monday, 18 March 2019
Sunday, 17 March 2019
Saturday, 16 March 2019
Thursday, 14 March 2019
Tuesday, 12 March 2019
परिवर्त्तन
आज जब हमारे देश मे कही परिवर्तन हुवे लोगो ने कही परम्पराओ को गलत साबित कर उसे बदला और तभी हमारे देश ने बहुत विकास किया और मै उन सभी लोगों का पूरे देश की तरफ से धन्यवाद देना चाहूंगी जिन्होंने देश के बदलाव में योगदान दिया हमारे देश मे सती प्रथा छुवाछुत वर्ग भेद आदि कही प्रथाएँ तो समाप्त हो गई लेकिन अब में आपका ध्यान एक ऐसी प्रथा या ये कहे कि लोगो के अंधविश्वास की ओर ले जाना चाहुगी जो लोगो को अपने कर्म के मार्ग से भटकाने में लगा है ये लोग कह सकते है कि एक तरह से मानसिक रोगी होते है या फिर वो लोगो को भटकाने के लिए इसतरह करते है अधिकतर ये बाते या रीत गाँवो में या जो अंधविश्वास में होते है उन्ही के साथ होती है इस मे वो लोग ये साबित करते है कि जिस इंसान के साथ गलत हो रहा या उन्हें दुख या किसी चीज़ की कमी है तो वो उनके ही परिवार के कोई व्यक्ति जो अब इस दुनिया मे नही रहा उस के कारण हो रहा है और मरने के बाद उसकी आत्मा वो अपने शरीर मे आने की बात बोलने लगता है और उस बीच बहुत से काम जैसे सर हिलाना ओर अब तेरा ये काम हो जाये गा तू ये रात्रीजागरन खाना करना ऐसी बहुत सी बात बोलता है और उस परेशान इंसान को ओर परेशान करने में अपनी तरफ से कोई कमी नही करता मेने ये बात जब महसूस की तो मुझे लगा कि जो इंसान अपने जीवित होने पर हमेशा अपनो को देने के लिए क्या कुछ नही कर जाता वही इंसान मरने के बाद क्या उसे ही दुख दे सकता है ये बात में आप सब से भी पूछना चाहूंगी
2 दूसरी बात ये की जब इंसान के शरीर मे एक आत्मा पहले ही है तो दूसरी कहा रहेगी
3ओर हमारे ग्रंथो वेदों पुराणों ओर गीता में तो स्वयं श्री कृष्ण भगवान ने कहा कि इंसान की आत्मा नही मरती शरीर मरता है और जिस तरह हमारे कपड़े फटने पर हम नए लेते है उसकी तरह ही आत्मा भी नए शरीर को धारण करती है
4 जब ये सारी बाते साफ साफ है तो लोग किस तरह इन मानसिक रोगियों की बातों में आकर अपना काम धाम छोड़ के इनके पीछे लग जाते है हमे ऐसे किसी के बहवकावे में आने से अच्छा अपना काम को प्रगति की तरफ ले जाने का प्रयास करे
एक बात और ईश्वर ने आपको इस धरा पर भेजा और साथ मे भेजा भी दिया और वो इसलिए दिया कि अब आपको उस ईश्वर पर निर्भर ना रहते हुवे अपने भेजे का उपयोग कर अपनी जिंदगी को अच्छा बनाना है और अपना कार्य करना है किसी पर निर्भर नही रहना ओर इस परिवर्त्तन की बहुत आवश्यकता है समाज और देश मे ताकि हमारी युवा पीढ़ी आगे बढ़ सके अंधविश्वास में ही गिरी ना रहे और हर बात के लिए मेहनत करे ना कि भगवान के भरोसे बैठे या किसी ढोंगी के जाल में फसे
एक परिवर्त्तन सोच के साथ🙏🙏
Sunday, 10 March 2019
लोकतंत्र
लोकतंत्र में हम सभी का एक बहुत बड़ा योगदान होता है या हम सभी के बिना ये होना संभव नही ये कहना भी कोई अतिशयोक्ति नही होगी तो क्यो ना हम सब इसमे भागीदारी ले कर इसे ओर भी बेहतर बनाये पर इसके लिए हम उन लोगो को जाग्रत करना पड़ेगा तो इस महा पर्व में अपनी भागीदारी नही निभाते है मतदान महा दान या हमारा अपना चुनाव हमारे अपने लिए ये बात हमे उनलोगों को भी समझानी होगी जो अपनी हिसेदारी अपने इस पर्व में नही देते ये कर के हम अपने पर्व को ओर भी बड़ा और महान बना सकते है कही लोग आज भी मतदान में अपनी भूमिका के महत्व को नही जानते है जो स्वयं अपने मत का उपयोग नही करते और व्यर्थ में उसे जाने देते है उन्हें ये समझाना होगा कि आप अपने ही अधिकार का उपयोग अपने ही लिए ना कर के अपने स्वयं के बारे मे नही सोच रहे है हमे हमारा फैसला स्वयं करना चाइये की हम अपना मतदान कर अपने लिए निर्णय लेने वाले को खुद चुने ओर हम यदि दुसरो को मतदान के महत्व को बताते है तो हम इस पर्व में ओर भी ज्यादा भागीदारी निभाते है इसलिए सभी से यही अनुरोध है कि खुद तो मतदान करे ही साथ मे जो नई पीढ़ी है या जो मतदान नही करते उन्हें भी प्ररित करे
की मतदान महा दान
तो क्यो ना करे हम सब ये दान🙏
की मतदान महा दान
तो क्यो ना करे हम सब ये दान🙏
Friday, 8 March 2019
Wednesday, 6 March 2019
मृत्युभोज
हर समाज को एक नई पहल करने की जरूरत है|पुनः समाज की प्रगति देश के विकास के लिए ये कदम उठाना जरूरी है वैसे हमारे समाज और देश के लोगो ने बहुत सी जो पहले रीतियां थी उनको कुरीतिया साबित कर उनको बंद किया जिसके के लिए पूरा देश और सारे समाज दिल से उनके आभारी रहेगे लेकिन अब कई सालों न
बाद हमे एक रीत के बारे में पुनः विचार करना होंगा क्यो की वर्तमान समय मे सभी शिक्षित है तो विरोध करना हमे शोभा नही देता हम सिर्फ अपने विचारों को आपके सामने रख सकते है आपको बस ये सोचना है कि क्या ये विचार सही है तो नीचे हा जरूर लिखे
मेरा माना है कि पूरे देश और कई समाज मे 80℅लोगो के आजीवका का साधन मजबूत नही है जिनमे से बहुत सी जनसँख्या गाँवो की है क्यो की गाँवो तो देश की आत्मा है लेकिन कुछ रीते ऐसी होती है जो प
पूरी तरह सक्षम ना होते हुवे भी उन्हें निभानी पड़ती है
वो इसलिए कि समाज रिश्तेदारों में सब लोग करते है तो हमे भी करना होगा क्यो की विरोध करने की वो हिम्म्मत नही जुटा पाते उनकी मज़बूरीरो से उनको ऐसा लगता है कि उनको दब के रहना है कुछ बोलना नही या जो जैसा होता आरहा वैसा ही होता रहेगा कुछ बदलाव वो चाह कर भी नही कर सकते क्यो की उनके द्वारा किया बदलाव लोग गलत समझेगे क्यो की वो समाज मे पूरी तरह जो लोग सक्षम है वो इसको इतना बड़ा देते है कि गरीब को तो बिचारे को पिसना ही पड़ता है मै तो सिर्फ आपको इस बात पर विचार करने को बोल रही हूँ कि अहम सबको किसी के लिए कुछ करना है तो उसके जीवित रहते करे ना जो सेवा जो कुछ ख़ुशी जो कुछ देना है उसके दिल को खुश रखे उसको किसी तरह से दुखी ना करे जब ये सब हमने अच्छे से किया तो फिर उसके जाने के बाद उसके नाम का किसी को खिलाने वे देने की जरूरत किसी को देने की ना होगी ये फिर भी बाद में हम ये करते है तो शायद हमनें उसके जिंदा होने पर उसके लिए कुछ नही किया इसलिए अब पीछे कर रहे है ये एक विज्ञान कहता है हमारे ग्रंथ कहते है और खुद गीता जी मे कृष्ण भगवान कहते है कि आत्मा तो जैसे हमारे कपड़े फटने पर हम नए पहनते है वैसे ही आत्मा भी सिर्फ शरीर बदलती है वो तो अजर अमर है फिर हम क्यो ये सब करते है
जो उसके पीछे लोग उसके परिवार के बचे है उनको सहानुभूति के रूप में समाज के वरिष्ठ लोगो को ही समझाना होगा कि अब सिर्फ आप 11 पंडित का कायक्रम कर जाने वालों के प्रति आदर करे बस ये सब तभी मुमकिन होगा जब समाज के जो पूरी तरह से सक्षम है वो लोग सब से पहले ये कदम उठाए ये कदम आज बहुत से शहरो में लोगो ने उठाया है और शुरआत समाज के वरिष्ठ लोगो से हुई कई जगह तो युवा पीढी ने इसका जिम्मा उठाया और उन्होंने
मृत्युभोज को पूरी तरह बंद कर कड़ी आवाज उठाई है काननू ने भी जब इसको बंद करने के लिए जब कदम उठाया तो हम सब मिलकर उसमे सहयोग क्योनी करते में आप सभी से ये ही अनुरोध करुँगी की आप सब किसी भी गरीब या इंसान को समाज मे नीचे ना देखना पडे हम सब मिलकर इसको बहुत ही सीमित या बंद करने के लिए एक झूट होना पड़े गा
अब जब मैने ऐसा अनुरोध किया तब बहुत से लोग ये बोलबोलेगे की हम शादियों में जब इतना पैसा खर्च करते है अपने लिए तो क्या मृत्यु पर अपना जो भी है दादा दादी माँ उनके लिए खर्च नही कर सकते तो ये आपजो पुनः बता दुकी हमे शादी में ख़ुशी होती तो उसको जाहिर करने के लिए करते है तो क्या उस समय भी हमे उतनी ही खुशी है
के
कुछ लोगो पितृ ऋण मातृ ऋण के बारे में बोलेगे की उसको चुकाने के लिए करना होता है तो में फिर वही बात बोलूंगी की ये ऋण आपको उनके जीवित अवस्था मे उनकी सारी जरूरतों को पूरा कर के चुकाना होता है उनकी सेवा कर के ना कि उनके जाने के बाद लोगो को खिला के बस मेने अपने विचार आप लोगो के समक्ष रख दिये है
ओर शादी में भी जरूरी नही की आप लोगो की तरह करने के लिये अपने ऊपर कर्ज ले नही बल्कि इन फ़ालतू ख़र्च से बढ़िया की आप सब आज कल सम्मलेन समाज ने ये एक बहुत अच्छा कदम उठाया है या सिर्फ मंदिर कोट ओर भी सीधे उपाय है जहाँ ओर भी आसान है और जो पैसा बचे उसे अपने परिवार की उन्नति में काम ले उनके विकास के बारे में सोचे
ओर जब ज्यादा होतो किसी अनाथालय की गरीब की मदद करे पर फालतू के कामो में ना लगाए बस एक विनती🙏क्यो की जब बहुत मेहनत से कमाते है तो उसकी महत्व को हमको समझना होगा,,🙏🙏🙏🙏
Monday, 4 March 2019
Saturday, 2 March 2019
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नही पढी लिखी थी मां मेरी ना उसने कभी ये बधाई दी बेटी होने पर मेरे भी ना उसने जग मे मिठाई दी हो सकता समय पुराना था मोबाइल ना उसके हाथो मे था...

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