"जिंदगी के सफर में इम्तिहान बहुत है
यू चलती ही जा रही बेहिसाब है
ना मांगा किसे से कुछ भी कभी है
फिर भी यू लगता है जैसे कुछ लिया है
जो सोचु में बैठे कभी अकले में
क्यो इस तरह का ये सफर है
बड़ी कसमकश कसमकश में फसी सी
हुई में यू जाते ही जा रही हु डगर पे
ये राहे यू आसान तो लगती नही है |"💐
यू चलती ही जा रही बेहिसाब है
ना मांगा किसे से कुछ भी कभी है
फिर भी यू लगता है जैसे कुछ लिया है
जो सोचु में बैठे कभी अकले में
क्यो इस तरह का ये सफर है
बड़ी कसमकश कसमकश में फसी सी
हुई में यू जाते ही जा रही हु डगर पे
ये राहे यू आसान तो लगती नही है |"💐
rajeshsinghchandel011971@gmel.co
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