Monday, 24 December 2018

माँ

आज से ये कुछ दिन बहुत दुख भरे रहे
बिन माँ के कैसा लगता है ये अहसास
बहुत ही दुख भरा था काश माँ एक
बार आप फिर कुछ बोल देती ओर
में फिर आप से बहस कर पाती
काश आप फिर वो फिकर करती
ओर में आपको देख पाती क्यो
इतना जल्दी आप हम से दूर चली
गयी क्यो एक बार आपको हमारी

याद ना रही किस तरह रहे आपके
बिन बस ये सोच के दिल दुखी है
क्या जीवन होगा आप के बिन
इसकी तो कभी कल्पना भी नी
करि थी आप तो भगवान को
बहुत मानती थी तो क्या आप
के उस भगवान को हम छोटे
बच्चो पर दया नही आई किसी
के तो माँ उनके बुड्ढे होने पर भी
उनके साथ होती है और हमारी
माँ को इतना जल्दी बुला लिया
उसने सच कोई भगवन है ही नही
कोन हमको सब बातों को समजायेगा
कोंन हमको डाट में भी प्यार देगा
कोंन सबका ख्याल रखेगा
कोंन हमारी फिकर करेगा
काश आपकी जगह में
चली जाती और आप बस
यही रहती सब के उदास
चेहरे देखे नही जाते आपके
बिना जीने में कुछ नही लगता

Wednesday, 5 September 2018

शिक्षक

"हर फूल को सवारने में लगे है
किस्मत बनाने में लगे  है'|
हर मुश्किल को आसान बनाना
सिखाते है वो जो हमे जीवन
जीना ओर मंजिल पर पहुचने के
पथ को दिखाते है |
उन शिक्षको को शिक्षक दिवस की
शुभकामनाए 💐

Saturday, 25 August 2018

सफर

"जिंदगी के सफर में इम्तिहान बहुत है
यू चलती ही जा रही बेहिसाब है
ना मांगा किसे से कुछ भी कभी है
फिर भी यू लगता है जैसे कुछ लिया है
जो सोचु में बैठे कभी अकले में
क्यो इस तरह का ये सफर है
बड़ी कसमकश कसमकश में फसी सी
हुई में यू जाते ही जा रही हु डगर पे
ये राहे यू आसान तो लगती नही है |"💐

Wednesday, 22 August 2018

राखी

ये रिश्ता भी बड़ा गहरा होता है
एक दूजे के बिन अधूरा होता है 
इस बार जो भाई में आना पाउ 
मेरी राखी को तूम भूला ना देना 
देखो वो बात अलग थी जब 
बात बात पर हम लड़ा करते थे 
पर आज के दिन तो बार बार तुम्हारी 
याद आती है कुछ मांगे बिना ही 
सब कुछ दिला दिया तुमने 
दिल करता है कि में भी 
उस दुनिया मे चली आऊ 
जहां तुम चले गए हो यू 
नाराज भी क्या हुवे हमसे की
 हमे ही तन्हा छोड़ दिया जमाने मे 
हर राखी तुम्हारी याद आती है 
सब के मुह पर तुम्हारी कमी खलती है ❊🎇🎺🏂🌹✸💐🤼💐

Sunday, 19 August 2018

वादियो की यादें

उदयनगर एक बहुत ही अच्छा स्थान या ऐसा कह सकते है ।एक एक देखने लायक स्थान जहाँ बारिश में चारों तरफ लंबे उचे पेड़ पहाड़ियों में इसतरह अपनी सुंदरता बिखरता है ।जैसे कि हम किसी फिल्म के सेट पर पहुच गए और वो ही प्रकृति की सुंदरता जो अनोखी होती है। जिसे बस देखने का मन करे। मुझे भी शायद इतने सुंदर स्थान को देखने का कभी मौका नही मिलता अगर किस्मत मुझे वहां नही ले जाती।सच चारो ओर जंगल के बीच इतना सुहाना स्थान और रास्ते मे पड़ने वाली खाइया जो पेड़ो के बीच ओर बारिश में तो ऐसा लगता है कि कोई चित्रकार की जब लंबे पेड़ो वाली घने जंगल की फ़ोटो देख कर सोचते थे ये फोटो ही होती होगी पर नही हक्कीकत में इतना सुंदर जगह थी। वो कब वहां जिंदगी के  कुछ खट्टे मीठे पल निकल गए पता ही नही चला ।जब पहाडियो से गाडी नीचे जाती है तो कुछ पल के लिए साँसे थमसी जाती हैं । पर वो घाटिया किसी दाजिर्लिंग की खुबसूरती से कम नही है । बारिश मे उसका सौन्दर्य अपनी अनूपम सुन्दरता को बिखेरता है। 
"चारों तरफ फैली हरियाली
देख जिसे होती खुशहाली
वो जगह घूम हम आये
कैसे उसको भूलाये।

Monday, 23 April 2018

ट्रांसफर एक कैसा शबद है जिसे से
किसी को खुशी तो किसी को दुख होता है
पर जब ये होकर भी नही होता तो 
कैसा होता है ये तो वो ही जानता है 
जिसका सब कुछ अधर में अटका है
कई सालों से वो जिसकी बाट निहारता है
वो बस होने ही वाला होता है कि तभी
एक जोर से जैसे तूफान सा आकर उसे रोक
देता है आखिर जब ये करना ही नही होता है
तो क्यो जूठी आस बंधाते है क्यो पूरे साल
उसे उसी एक ट्रांसफर के पीछे गुम्माते है
बिचारे वो क्या करे अब जो पूरा मानस ही
बना बैठे थे घर जाने का परिवार को ले गए
कही और अब घर जमाने का कर लिया 
बसेरा उनका तो सब कुछ फिर बर्बाद 
कर दिया इस रोक ने अब मन कैसे 
लगेगा फिर वहां उनका जो छोड़ने की 
सोच बैठे थे वो जगह ओर नई जगह की
तरफ रुख कर लिया था गाड़िया लोहार सी 
जिंदगी बना दी आज यहाँ कल फिर 
वहां कैसे मन को मार के वो अच्छे
से सब कर पायेंग !

Thursday, 11 January 2018

स्कूल की यादे

वो स्कूल के दिन बडे याद आते है 
जब स्कूल जाने से जी चुराते थे 
बस ये सोचते थे कि काश आज छुट्टी हो जाये 
ओर स्कूल जाकर बस मस्ती 
डस्टर को फेक कर मारना
टेबल पर लंच में नाचना 
ओर खूब दौड़ लगाना 
लंच में भाग के निचे जाना 
ओर गोल गप्पे वाले के यहां धूम मचाना
पास वाले कि कॉपी को खीचना 
ओर टीचर को वापस उसी की
शिकायत करना कि ये मस्ती कर रहा है
ये स्कूल के दिन बड़े याद आते है 
किसी के बर्थडे पर स्कूल में 
ही नाचना ओर जोर जोर से विश करना
पिकनिक पर खूब गाना ओर खाना
ओर घर आकर बीमार हो जाना 
फिर दूसरे दीन फिर मस्ती करना
ये स्कूल के दिन बड़े याद आते है,

Tuesday, 9 January 2018

जीवन की सच्चाई

ये बात उस मासूम की है जो ये जानती ही नही की उसे कितने संघर्ष करने है जब पड़ने की उम्र होती है खलने की तभी से उसने जिम्मेदारी उठाने की सोच ली |सिर्फ 12 साल में ही उसने अपने सपनो की जंग शुरू कर दी इस बीच सिर्फ उसे ये ही डर था कि मेरी पढ़ाई कही मजेदार में ना छूट जाए कही पल ऐसे आये जब उसे लगा कि पढ़ाई छूटने वाली है पर फिर उसने हिम्मत से उसे संभाल लिया
इतनी सी उम्र में उसे डर भी की वो एक लड़की है दूसरा उसे सपना भी पूरा करना है कुछ बनाना है हमारे ही पड़ोस में रहने वाली ये लड़की सबके लिए एक प्रेरणा थी|
जब हम आराम से स्कूल जाते खेलते मस्ती करते बाते करते सोते खूब खाते फिर मस्ती खेल ये सिर्फ अपने परिवार ओर सपनो के पीछे भागती थी|
ये लड़की है वीना जो हमारे ही पड़ोस में रहती थी स्कूल से लौट कर ये घर घर जाकर काम करती थी वो काम सिर्फ अपनी पढ़ाई और जरूरतों के लिए था शुरआत उसने डांस से की पर लोगो ने बाते बनाना शुरू कर दिया कि ये क्या काम है क्योकि उस जमाने मे इसका सीखाने का कुछ नही था और वो एक छोटा सी जगह जहा हर कोई उसके मनोबल को गिराने में लगे थे उसे भी डर था कि कही कुछ गलत तो नही पर कुछ और भी वो कर नही सकती थी क्योंकि उसके परिवार की स्थिति पहले बहुत अच्छी थी अचानक व्यपार में गाटे के कारण वो तो खराब हो गई उसने ये ही सोच कर डांस को चुना लेकिन लोग कहा कम होते है लेकिन उसने हार नही मानी और अपना काम शुरू रखा सिर्फ 35 रू से शुरू किया उसने दीन  भर  से शाम हो जाती थी उसको घर आते आते और फिर घर आकर वो थोड़ी देर के बाद पड़ने बेट जाती थी धीरे धीरे उसका ये काम ठीक चलने लगा पर उसकी पढ़ाई उससे छूटने लगी उसका सपना भी इन सब के बीच कही खो गया लेकिन फिर भी उसने उमीद नही छोड़ी अब वो डांस के साथ ओर भी  काम करने लगी जैसे मेहंदी तो अब घर आते आते उसे रात हो जाती थी लेकिन इन सब के बाद कि लोग रात को लड़की आती है क्या ऐसा क्या काम लड़की को तो घर मे ही रखना चाईए तरह तरह की बात और कमैंट्स लेकीन वो दुःखी होती थी फिर सम्भल जाती इन सब में सिर्फ एक ही बात थी जो हमेशा उसको हिम्मत देती वो थी उसके मा बाप का उस पर विश्वास और स्पोट जो उसको सारी बाते भुला के आगे बढने में मदद करता था
आप सोच रहे हो गए कि लोग ओर बच्चे बहुत दुःख देखते है इतनी हालत खराब होती है कि बर्तन तक साफ करने पड़ते है भूखे भी रहना पड़ता था लेकिन इस
कहानी को मैने क्यो आपको बताई क्योकि इस लड़की ने हालात के सामने गुटने नही टेके जो बहुत से बच्चे कर लेते है वो अपनी पडाई  छोड़ देते है|लेकिन जीवन मे कितने भी दुख क्यो ना हो उसको देख के मुझे ये ही लगता था कि अपनी पढ़ाई नही छोड़नी चाहिए क्योंकि ये ही हमे सब से बाहर निकाल सकती है| और उसके पास या उसके मा बाप के पास पडा ने के पैसे भी नही तब उसकी मौसी ने सबसे ज्यादा सहारा दिया वो नही होती तो वो बीच मे बचपन मे ही पढ़ाई से बहुत दूर हो जाती कहते है मौसी माँ जैसी होती है ये बात सिर्फ उसकि मौसी को देख के लगता था |जो उसकी परिवार और उसके सब भाई बहनों का बहुत ध्यान और ख़याईश पूरी करती थी |तब वो भी एक प्राइवेट स्कूल टीचर थी और बहुत कम जो भी मिलता सब वो उन पर ही खर्च कर देती थी"| लेकिन जब मौसी की शादी हो गए और उसने दूसरे तरफ अपनी मंजिल ढूंढी कुछ और बनने की सोची तो फिर पैसे नी होने से एक बार सोचा सब छोड़ दे लेकिन उसके भाई ने दुसरो से ब्याज पर पैसे लाकर उसको पढ़ाया ओर जब कुछ लायक बनी तो वो ही भाई उसे हमेशा के लिए दूर हो गया|😢
लेकिन बीच मे उसकी शादी हो गई वो तो कुछ बन गई लेकिन उसके दूसरे भाई बहनों ने हालात के सामने थक गए और उन्होंने पढ़ाई को बीच मे ही छोड़ दिया वो आज भी रोज एक नई जंग के लिए तैयार होना पड़ता है क्योंकि उनकी स्थिति सही होने का नाम ही नी लेती
काश!वो सब भी अच्छे से पढ़ लेते तो शायद उनके भी संघर्ष कम हो जाते और आज पढ़ाई का महत्व बहुत है |
जीवन मे कितनी भी मुश्किल क्यो ना हो लेकिन पढ़ाई को कभी नही छोड़ना चाहिए क्यो की वो ही एक हतियार है जो उस मुश्किल ओर हर मुस्कील समय से इंसान को बाहर निकाल सकता है|
 तूफान कितना भी क्यो ना हो
  होसलो के सामने टिक नही पाता

Wednesday, 3 January 2018

इंतजार

"रात की तन्हाई में आवाज दिया करते है
चाँद ओर तारों से तेरा जिक्र किया करते है
हकीकत में तुम आओ ना आओ
खवाबो  में तुम्हारा इंतजार किया करते है|

"अश्क नयनो में आते है तो पी लेते है हम
जब याद तेरी आती है तो रो लेते है हम
नींद तो आती नही पर यू सोचकर
 खवाबो में तुम आओगे सो लेते है हम|

"तु नही तो दिल मेरा उदास है
सुनी जिंदगी की तू एक लोती आस है
सासो में आ रही तेरी खुशबु तू दूर है
निगाहो से मगर दिल के पास है|



बेटी दिवस की शुभकामनाएं

 नही पढी लिखी थी मां मेरी ना उसने कभी ये बधाई दी बेटी होने पर मेरे भी ना उसने जग मे मिठाई दी हो सकता समय पुराना था मोबाइल ना उसके हाथो मे था...