तिनका तिनका लाकर गोसला बनाती है वो
हर मुश्किल से दिन रात जूझती है वो
राहे जिंदगी की आसान नही होती उसकी भी
फिर भी कदम कदम पर लोगो को चुभती है वो
कभी अपने असितत्व के लिए लड़ती है वो
कभी जिंदगी को चलाने के लिए जूझती है वो
किस तरह बनाये अपना आशियाना
जिंदगी की डगर में हर पल ये सोचती है वो
सफर आसा जिंदगी का किसी का नही होता
हरपल दिल को समझाती हुई फिर अपने आसियान
को संवारने के लिए निकलती है वो
हर मुश्किल से दिन रात जूझती है वो
राहे जिंदगी की आसान नही होती उसकी भी
फिर भी कदम कदम पर लोगो को चुभती है वो
कभी अपने असितत्व के लिए लड़ती है वो
कभी जिंदगी को चलाने के लिए जूझती है वो
किस तरह बनाये अपना आशियाना
जिंदगी की डगर में हर पल ये सोचती है वो
सफर आसा जिंदगी का किसी का नही होता
हरपल दिल को समझाती हुई फिर अपने आसियान
को संवारने के लिए निकलती है वो